Rajiv R. Srivastava
Inspirational Others
हे विघ्न हर्ता, शंकर सुता, हे मंगलकारी गणेश।
शरण में लो, हरण करो, मेरे मन का हर क्लेश॥
क़दम हो हर, सद मार्गों पर, बाँटूँ ख़ुशियाँ अशेष।
मन में मेरे, ना कभी भरे, किसी से कोई भी द्वेष॥
दादा जी॰॰॰ 👴
ये जन्मदिवस भ...
ज़िंदगी, ले च...
सावन
श्रीराम होने ...
एक औरत...
पुलवामा
शहीद भगत सिंह
हिन्दी दिवस ...
जो सपनों को बुनता है, और सपनों की ही सादगी हूँ। जो सपनों को बुनता है, और सपनों की ही सादगी हूँ।
मानवता और एकता का पाठ एक वायरस ने पढ़ाया है मानवता और एकता का पाठ एक वायरस ने पढ़ाया है
तुम कहती हो, मैं आ रही हूं, लेकिन तुम गढ़ती हो सन्नाटे! तुम कहती हो, मैं आ रही हूं, लेकिन तुम गढ़ती हो सन्नाटे!
जुलाई ने दी सीखें गहरी, जीवन की धारा कभी न ठहरी। जुलाई ने दी सीखें गहरी, जीवन की धारा कभी न ठहरी।
ख्वाब देखे हुए बीत सदियां गईं, खो गए सब कहां कुछ पता कीजिए। ख्वाब देखे हुए बीत सदियां गईं, खो गए सब कहां कुछ पता कीजिए।
बहुओं को लाना है, वंश अपना बढ़ाना है, बहुओं को लाना है, वंश अपना बढ़ाना है,
श्वेत हिम से ढके पर्वत शिखर कैसे सुंदर नज़र आएं श्वेत हिम से ढके पर्वत शिखर कैसे सुंदर नज़र आएं
शिकायतों का पलड़ा भारी हुआ तो शिकायतों का पलड़ा भारी हुआ तो
जब मोय-माया का हमेशा त्याग करता है, जब मोय-माया का हमेशा त्याग करता है,
ख्वाहिश कभी जिम्मेदारी की बोझ तले दब जाती, ख्वाहिश कभी जिम्मेदारी की बोझ तले दब जाती,
बुन लेंगे उसके शब्द बर्फीले धागों की रजाई , बुन लेंगे उसके शब्द बर्फीले धागों की रजाई ,
चार दशक तक रह कर सक्रिय राजनीति में अपना सर्वोपरि दे गए।। चार दशक तक रह कर सक्रिय राजनीति में अपना सर्वोपरि दे गए।।
बीते पल कुछ जो दुख-दर्द दे गए, 2025 के सूरज से धीरे ढल गए। बीते पल कुछ जो दुख-दर्द दे गए, 2025 के सूरज से धीरे ढल गए।
तुम्हारी दुआ साथ रहेगी मेरे, उस अजनबी शहर में, तुम्हारी दुआ साथ रहेगी मेरे, उस अजनबी शहर में,
सपनों की हर चुप कहानी, दुनिया को सुनाए। सपनों की हर चुप कहानी, दुनिया को सुनाए।
जिससे उनके घर में खूब सारा धन आता है, जिससे उनके घर में खूब सारा धन आता है,
जो छल कपट से दूर रहता हैं, जो गरीबों का सहारा बनता हैं, जो छल कपट से दूर रहता हैं, जो गरीबों का सहारा बनता हैं,
आज जब विभिन्न माध्यम से हम जान गए हैं, आज जब विभिन्न माध्यम से हम जान गए हैं,
मैं लाख कोशिश करती हूं मन को तसल्ली देती हूं मैं लाख कोशिश करती हूं मन को तसल्ली देती हूं
ध्यान मोह-माया से मुक्ति दिलाता है, ध्यान मोह-माया से मुक्ति दिलाता है,