शराफत - ब्रेक पर हैं
शराफत - ब्रेक पर हैं
शराफत — ब्रेक पर है
सुना है शराफत शहर में नहीं,
हमारे गांव में रहती है।
पर देखा नहीं कई सालों से,
कहते हैं अब ‘वर्क फ्रॉम होम’ करती है!
पहले जो बुज़ुर्गों के पैर छूती थी,
अब इंस्टा पर "लाइक" ढूंढती है।
कभी जो "नमस्ते" कह के मिलती थी,
अब देखकर भी "इग्नोर" करती है।
साहब! शराफत अब पकोड़ी नहीं खाती,
बस कैफ़े में पिज़्ज़ा खाती है।
गांव के छोरे कहने लगे,
“अब वो भी एटीट्यूड दिखाती है!”
पंडित जी बोले— "ग्रहण लग गया है संस्कारों को!"
पर वो तो बोले — “मैंने बस हेयरस्टाइल बदला है दोस्तों!”
अब तो लगता है शराफत भी
वीजा लेकर विदेश चली गई है।
कसम से, अगर कहीं दिखे तो
सेल्फी ज़रूर भेजिएगा!
