अभी तो कामयाबी सिर चढ़ेगी ग़ज़ल को फिर जवानी सिर चढ़ेगी परेशां हो गया था ज़िन्दगी से मगर अब ये कहान... अभी तो कामयाबी सिर चढ़ेगी ग़ज़ल को फिर जवानी सिर चढ़ेगी परेशां हो गया था ज़िन्दग...
अब धरती अपनी सब्र खो चुकी है, बदलना चाहती है अब अपना स्वभाव अब धरती अपनी सब्र खो चुकी है, बदलना चाहती है अब अपना स्वभाव
मैंने सच बोला तूने मुझे ठुकरा दिया । मैंने सच बोला तूने मुझे ठुकरा दिया ।
खोकर सबकुछ शायद एक दिन सच को तू जीत पाएगा। खोकर सबकुछ शायद एक दिन सच को तू जीत पाएगा।