शक्ति
शक्ति
मन की शक्ति मानव ,की होती है अपार
जिसने इसे संजो लिया, उसका बेड़ा पार।
बेड़ा होगा पार, दुविधा न मन में आती
जो लक्ष्य लक्षित हो, उसे भेदित कर जाती।
लक्ष्य विजित कर, मिलता उसे सम्मान
जीवन हो सफल, पाकर उच्च मुकाम।
उच्च मुकाम पहुँच कर, टिके रहना नहीं आसान
मन:शक्ति के बल पर , लक्ष्य चढे़गा परवान ।
लक्ष्य चढ़ा परवान, तो गर्व न कीजिए
पाँव जमीं पर रहे यही, ध्यान दीजिए।
ध्यान यही दिया तो ,जीवन सफल हो जाएगा
परिवारिक शक्ति संग स्वर्ग, का आनंद आएगा।
