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Meera Parihar

Classics

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Meera Parihar

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शिव भजन

शिव भजन

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'मीरा" मन मंदिर है,तीर्थ शिवालय है।

यही पथरीली मरुभूमि, हिमालय है।।


मन में बसे शिवजी, पार्वती के साथ।

द्वारे पर खड़े नंदी,ये सुंदर देवालय है।।


क्यों मांग, धतूरा,आक, तुमको प्रिय हैं।

वहीं दूध,बेल-पत्तर, रखे भोजनालय हैं।।


सब साध लिए तुमने, अपने सिर नाथ।

भाल गंगा,शशि साध,जैसे कि आलय है।।


हम वस्त्रों पर आसक्त, जोड़े विविध प्रकार।

तुम बाघाम्बर संतुष्ट, भस्मी ही वस्त्रालय है।।


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