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Gita Parihar

Abstract Inspirational Others

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Gita Parihar

Abstract Inspirational Others

शिक्षक

शिक्षक

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आदर्श शिल्पकार कहलाने को

त्यागे मैंने लुभावने काम और दाम।।

चुनी जी भर मेहनत और औसत दाम

खुशी यह कि जीवन सवांरुगा।।

वितरित करुं अशेष भंडार ज्ञान के

खोजूं केवल निज सम्मान।।


बिखेरूं ज्योति ज्ञान और विज्ञान की

खोल दूँ कुंजी व्यवहारिक ज्ञान की।।

प्राचार्य कहें विद्यालय के स्तम्भ ‌हैं आप

साथियों के लिए बनूं अनुसरणीय।।

शिक्षा के हथियार से जीतूं सकल जग

हैं ताकत इसमें बड़ी बदल दे किस्मत।।


जीवन से मृत्यु तक साथ रहे यह सीख

शक्ति, मुक्ति, सम्मान

दे शिक्षा ऐसा मीत।।

पढ़ना, लिखना, चिंतन, मनन जीवन में अनमोल

इनसे ही हम सीखते तोल मोल के बोल।।


सही ग़लत का भेद समझते

सरल,सुगम बनती सब राहें।।

मिट जाता अंधियारा, गोचर होता लक्ष्य

शिक्षक हो जब न्यारा दिनमान सदृश।।

मिले मुझे गुरु भाग्य विधाता

वरदान मिला ज्यों जीने का।।


साजो-सामान उपलब्धियों का

फूल सा खिला ,महका और महकाया।।

हर चमन को, यही मूलमंत्र बांटा किया।

उऋण ना हो पाऊंगा उस ऋण से ।।

जो बिन मांगे

गुरुओं से मिला।।



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