STORYMIRROR

Gita Parihar

Abstract Others

3  

Gita Parihar

Abstract Others

नारी जीवन

नारी जीवन

1 min
188


चेहरा नूरानी 

और आँखों में पानी

खामोश लबों पर

सहरा सी विरानी!


खोया कहां तबस्सुम

कोई ढूँढ के लाओ 

हिजाब में कैद तरन्नुम

साज बजाओ।


बहुत याद आए तुम आने से पहले।

बहुत याद आओगे तुम जाने के बाद

मुल्तवी रहे वापसी का सफर 

ये आंसू तो नहीं, निकल चुके तो निकल चुके।


मेरे हमनशीं, मेरे हमराज

ख्वाहिशों के पर यूं न कतरो

यह तो आगाज़ है अंजाम अभी बाकी है

चिंगारी नहीं शोलों से काम लेना ‌है।


आग‌ सीने में हो जुनून दिल में

सपनों के लिए हो आसमां गोया

जमीं पर पांव टिकना भी जरूरी है

क़िस्मत है मगर हौसला भी जरूरी है।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Abstract