शिक्षा प्रणाली
शिक्षा प्रणाली
शिक्षा प्रणाली बेहाल हुई है
धनवान पर निहाल हुई है
पैसों का खेल है सारा
सच्चा ज्ञान और शिक्षा गुम हुई है ।
शिक्षा महंगी ज्ञान है झूठा
पैसे का खेल है अनूठा
पलड़ा भारी धन का
इंसान नीयत का खोटा ।
भ्रष्टाचार हर ओर व्याप्त है
नौकरियों का बना कोटा है
आज की शिक्षा प्रणाली
धन कमाने का साधन मात्र है।
इंसान महत्वकांक्षाओं का गुलाम
मानवीय संवेदनाओं का न कोई नाम
प्रतिस्पर्धा के इस युग में
धन का अंबार लगाना है काम।
सत्य, दया, अहिंसा और ईमानदारी
बातें हैं ये खोखली सारी
नकारात्मकता से सकारात्मकता हारी
सफलता समृद्धि का न कोई पुजारी।
शिक्षा एक अनमोल रत्न है
जीवन का है अमूल्य आधार
शिक्षा से ही है समाज में
परम्पराएं, नीतियाँ और संस्कार ।
ज्ञान सबसे बड़ी दौलत है
अंधकार में प्रकाश फैलाती है
निराशा में आशा जगाती है
नामुमकिन राह मे राह बनाती है ।
