शीर्षक-"प्रेम"
शीर्षक-"प्रेम"
प्रेम है जीवन का आधार,
प्रेम सपनों को करे साकार,
जहां प्रेम की धुरी कार्य करें,
उस घर में सदैव अमृत धार बहे।
प्रेम की महिमा है अपरंपार।
प्रेम है जीवन का आधार।
प्रेम है ऐसा अनोखा गहना ,
जिसके वश में हर कोई हो जाता है,
है विद्यमान जहां ये गुण,
वह प्रिय सभी का कहलाता है।
प्रेम से चलती दुनिया की गति,
प्रेम यह पाठ पढ़ाए बारंबार।
प्रेम है जीवन का आधार।
प्रेम की बदौलत तो देखो ,
दुश्मन भी भाई बन जाता है।
ना होता जहां,
प्रेम और विश्वास का रिश्ता ,
वह भाई भी दुश्मन बन जाता है।
ना भाई चाहता भाई को ,
ना मां-बाप का भरोसा
वह जीत पाता है।
प्रेम का बीज जहां पर पनपता,
उनका हर कार्य मुमकिन हो जाता है।
प्रेम भरता ऊर्जा से जीवन,
प्रेम ही जन -जीवन का,
करता है उद्धार।
प्रेम है जीवन का आधार।
प्रेम सपनों को करे साकार।
