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Neeraj Kumar Agarwal

Fantasy Inspirational Others

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Neeraj Kumar Agarwal

Fantasy Inspirational Others

शीर्षक - दुनिया .... समाज

शीर्षक - दुनिया .... समाज

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शीर्षक - दुनिया..... समाज

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दुनिया का मेला फिर भी अकेला है।

सच और हकीकत दुनिया समाज है।

हम तुम वो सब ही तो दुनिया होती हैं।

कुदरत के रंग दुनिया के संग होते हैं।

हम सब समाज एक दुनिया होते हैं।

बस सांसें और समय निश्चित होती हैं।

न पता खबर हम दुनिया में कबतक हैं।

हां हम सभी अपने अहम वहम में रहते हैं।

दुनिया भी एक समाज और समाजिक हैं।

हां चाहत मोहब्बत मन और सोच होती है।

सच नीरज दुनिया और समाज लिखते हैं।

शब्दों में कविता माध्यम से आज कहते हैं।

दुनिया में सब एक-दूसरे के किरदार होते हैं।

सोच समझ कर हम सभी मतलब रखते हैं।

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नीरज कुमार अग्रवाल चंदौसी उत्तर प्रदेश 


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