शीर्षक - एक सच
शीर्षक - एक सच
*शीर्षक -एक सच*
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एक सच नीरज शब्दों में लिखते हैं।
मानव और मानवता समझते हैं।
हर इंसान पाप-पुण्य भी करते हैं।
क्या हम एक सच अपने लिए समझते हैं।
जन्म मरण संसारिक रंगमंच के साथ है।
मोह माया रिश्ते नाते सांसों हाथ हैं।
नाम पावन जप एक सच राम राम हैं।
जीवन और जिंदगी अलग होती है।
जीवन हम अपने लिए जीते हैं।
जिंदगी हम दूसरों के लिए जीते हैं।
एक सच जीवन का जन्म होता हैं।
हां, रिश्तों में जिंदगी हम बिताते हैं।
आओ,
अच्छी राह पर हम सभी चलते हैं।
मनन कर एक नाम एक सच राम राम जपते हैं।
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नीरज कुमार अग्रवाल चंदौसी उत्तर प्रदेश
