STORYMIRROR

Rooh Lost_Soul

Romance

3  

Rooh Lost_Soul

Romance

सही-गलत

सही-गलत

1 min
201

सही गलत से कहीं ऊपर

होते हैं कुछ रिश्ते ,

जहाँ ख़ामोशी की भी

अपनी जुबान होती है ।।


ना चाहत होती है और

ना चाहता है कोई, फिर

भी तड़प साथ होने की

बेहद और बेइंतेहा होती है ।।


यादें कुछ बिसरी

कर ले चाहे कितने भी जतन

फिर भी आहट पर

उस अपने से, अजनबी की

आँखों में मुस्कुराहट होती है ।।


सही गलत से भी कहीं ऊपर

होते हैं कुछ अनजाने से

जिनसे पाने की उम्मीद नहीं

बस गम बाँटने में भी ख़ुशी होती है ।।


सही ग़लत से नहीं निभाये जाते

वो कुछ ख़ामोश से अनाम रिश्ते ।।।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Romance