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मिली साहा

Abstract

4.5  

मिली साहा

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शहीदों को नमन

शहीदों को नमन

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अस्तित्व सदा उनका अमर रहेगा 

जिन्होंने देश की खातिर अपनी जान गंवाई

लाल हो गई धरती उन वीरों के रक्त से

देख उनकी शहादत मातृभूमि की भी आंखें भर आई।।


मातृभूमि के इश्क में चल दिए 

वो प्रेम पुजारी अनसुनी कर परिजनों की पुकार

कतरा कतरा वतन के लिए करने न्यौछावर

सर पर बांधकर कफन हो गए तैयार।।


देशभक्ति की ज्वाला दिल में रख कर खदेड़ दिया दुश्मनों को बाहर

रखी तिरंगे की शान और मातृभूमि का मान बढ़ाया

गोली खाकर भी सीने में अंतिम सांस तक लड़ा हर एक सिपाही

लहू बहा कर अपना अमन चैन का फूल खिलाया।।


कर दिया खुद को बलिदान देश प्रेम में

शौर्य की मिसाल बन मातृभूमि की अमर कहानी हो गए

भूल ना सकेगा कभी उनकी शहादत को ये देश

पंचतत्वों में होकर विलीन देश को आज़ादी का अमरत्व दे गए।।


शत शत नमन उन शहीदों को जिन्होंने आजादी का इतिहास रचाया

खुद को मिटा कर भारत मां की रक्षा का अपना वचन निभाया।।


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