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Sarita Saini

Romance Tragedy

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Sarita Saini

Romance Tragedy

शबनम में भीगा गुलाब

शबनम में भीगा गुलाब

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शबनम में भीगा गुलाब ,

तेरे होठों की याद दिलाता है।


तेरी यादों में तड़पते हैं हम ,

ये तू कहाँ समझ पाता है ।।


यूँ तो अब भूलने लगी हूँ मैं तुझे ,

पर इस दिल से तू कहाँ निकल पाता है ।


तुझे जब भी चाहा निकालना दिल से ,

 अश्क़ बनके तू ऑखों में छा जाता है ।।


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