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Sarita Saini

Abstract

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Sarita Saini

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एक सुबह ऐसी भी

एक सुबह ऐसी भी

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एक सुबह ऐसी भी हो...

जहाँ कोई भेद-भाव न हो,


प्रेम का अभाव न हो,

होठों पे हँसी की फुहार हो,


आँखों में खुशी बरक़रार हो,

दुःखों का नामोनिशान न हो,


मुक्त हों हम दुनिया की मुसीबतों से .

काश, कि हर सुबह ऐसी ही होI


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