सुबह संदेशा लाई है
सुबह संदेशा लाई है
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सुबह संदेशा लाई है..
नई उम्मीद जगाई है।
छोड़कर फिक्र कल की
आज मधुर तान छेड़ो,
मधुकर और तितलियों संग
एक नया गान छेड़ो।
ओढ़ सिंधुरी चादर..
प्रकृति भी मुस्कुरा रही है ,
भोर की पहली किरण..
चहु दिशा में छा रही है।
नई सुबह है नई उमंगें..
इक नई उड़ान भरो,
छोड़ कल की फिक्र..
मिलकर सब काम करो II