शब्द सब किताब बन गए
शब्द सब किताब बन गए
जब तुम मेरी किताब बन गए
शब्द सब किताब बन गए
जितने बहे आंसू आँखों से
सब किताब बन गए
सपने जितने भी देखें, आँखों ने
सब किताब बन गए
ख्वाब सब अक्षर बन गए
जैसे तुम किताब बन गए
जब चाहूँ तुम्हें
बाँहों में भर सकता हूँ
अब तुम मेरे जीवन की
किताब बन गए
जब भी पढ़ूँ, बार-बार पढ़ूँ
हर बार मुझे, कुछ नया मिले
जब से तुम मेरे जीवन में आए
जो कुछ भी पल तुम्हारे साथ जीये
तुम्हारा हर शब्द
हर साथ, हर क्षण
मेरी किताब बन गए
हिसाब-किताब बन गए
कुछ भी ऐसा ना था
जो प्रूफ में हटा सकें
जो कुछ घटा जीवन में
सब कुछ, सब कुछ
छप गया किताब बन के
हर हिस्से मेरे जीवन के
सब किस्से मेरे जीवन के
किताब बन गए
जाऊं किधर भी मैं
यह किताब मेरे साथ है
जब चाहूँ, जितना चाहूँ
पढ़ सकता हूँ
इससे जीवन में
मैं कुछ नया सीख सकता हूँ
तुम्हारा-मेरा, अधूरा नहीं
पूरा साथ है
हमने जितने भी क्षण बिताए
तुम्हारे साथ में
सब किताब बन गए
अब जब चाहे, जहाँ चाहे
पढ़ सकता हूँ , मैं इनको
क्योंकि सारे रिश्ते
किताब बन गए
सारे हिस्से किताब बन गए।
सारे किस्से किताब बन गए ।।