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Preeti Sharma "ASEEM"

Abstract Fantasy

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Preeti Sharma "ASEEM"

Abstract Fantasy

शब्द जाल

शब्द जाल

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आखर कितने पढ़ लिये, समझ ना पाया भाव।

ढाई आखर प्यार का सब भावों का सार।।


सागर की गहराई को नाप सका है कौन।

प्यार में जो गहरा हुआ उसको जाने कौन।।


डगर मुश्किल प्यार की, बिरला जाए उस ओर।

अगर -मगर के चलते, प्यार ना पाए छोर।।


लहर की तरह आ रहा, भावों का तूफान।

किस लहर में आएगा मिलन का विराम।


पहर पर रहा खोजता जीवन का अभिराम।

प्रेम बिना कैसे मिले रूह को विश्राम।।



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