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shekhar kharadi

Inspirational Others

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shekhar kharadi

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शाक्यमुनि

शाक्यमुनि

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हे शाक्यमुनि

मैं थोड़ा भोला

थोड़ा नासमझ हूँ

तुम्हें पाने की चाह में

मंदिर-मस्जिद-गिरजा घर

बार बार दर्शन पाने गया

लेकिन मुझे क्या पता ?

तुम्हारा सत्य का निवास

मठ-स्तूप-समाधि में था

सृष्टि के कण कण में था

प्रत्येक मनुष्य के अंश में था

निरंतर ज्ञान के खोज में था

स्नेह-करुणा-क्षमा-अहिंसा में था

अष्टांगिक एवं हृदय परिवर्तन में था

आध्यात्मिक विचारधारा में था ।


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