सचेत रहें, वरना हालात बिगड़े
सचेत रहें, वरना हालात बिगड़े
पुर्णिमा की रात,
एक दैत्य नुमा,
आकृति नजर आई,
मेरे कुत्ते को,
उसकी दुर्गंध आई,
वो झटपट,
आक्रोश में आया,
और पुरे जोर से,
उसकी तरफ देख भौंका,
उस रात के सन्ननाटे में,
हर कोई,
बेचैन दिखा।
तभी नजर,
पास के कब्रिस्तान की,
ओर गई,
वहां एक विशाल आकार नजर आया,
ओवर कोट में लिपटा हुआ,
तेजी से कदम बढ़ाता हुआ,
बाहर की ओर,
जाता हुआ।
