सच्ची मोहब्बत
सच्ची मोहब्बत
वो माफ तो कर देगी ना ?
हां, शायद कर देगी
या क्या पता नहीं भी
क्योंकि ये फैसला तो उसका होगा ना
सिर्फ उसका।
कभी कभी अगर याद आयेगी उसको मेरी
तो बात तो वो कर लेगी ना ?
हां शायद कर लेगी
या फिर छुपा के सारी दुनिया से
कह देगी सभी को की
याद नहीं आती मुझे उसकी।
मन करता है उससे कर कह दूं सारी बातें
कह दूं की कितना प्यार है उससे
कह दूं की बहुत याद आती हो मुझे
हर वक़्त,हर पल,हर जगह
सिर्फ तुम्हें सोचता हूं
इक अलग सा नशा छा गया है
और डर भी कि कहीं और दूर ना हो जाओ
फिर सोचता हूं की वो मान तो जायेगी ना
हां, शायद मान जायेगी।
ये जो भी हुआ शायद नहीं होना चाहिए था
पर हमदोनो की खुशी शायद इसी में थी
तुम भी कुछ बन जाओ, मैं भी कुछ बन जाऊं
फिर मिलेंगे ना हमदोनों पूरी दुनिया के सामने
कह देंगे सभी से , हां प्यार करते है हमदोनों
बेइंतहा मोहब्ब्त करते हैं हम दोनों।
तब तक इंतजार तो कर लोगी ना
हां, शायद कर लोगी।

