"सच हुए हमारे सपने"
"सच हुए हमारे सपने"
सपनों में तुमको मैं देखा करता,
सच होंगे मेरे सारे सपने!
मेरा स्वीकारा तुमने प्रणय निवेदन,
सपने लग रहे सचमुच अपने!!
अधरों पर जब तेरे मुस्कान खिले,
हर्षित हो जाए मेरा तन-मन!
मेरे सपने अब सच हो गए,
सजल हो रहे मेरे दोनों नयन!!
तुमने माना मेरा प्रणय निवेदन,
जीवन में मेरे आ गई बहार!
उष्ण में दिख रही बसंत ऋतु,
ख़ुशियाँ आ गई अब मेरे द्वार!!
अक़्सर मन में मैं सोचा करता,
क्या! तुमसे मिलन हो पाएगा!
कितना है हमारा पवित्र प्रेम,
क्या! फूलों सा बहार आएगा!!
विश्वास रहा मुझे अपने प्रेम पर,
सपने मेरे सच इक दिन होंगे!
जब प्यार तुम्हें मुझसे भी होगा,
जो ख़ुशियों से जीवन भर देंगे!!
अब तो सपने बन गए हक़ीक़त,
जीवन में हमारे बन गए इंद्रधनुष!
वर्षों से जो ख़्वाब देखे हमने,
सच हो गए, हम बहुत है ख़ुश!!