सब लोग क्या कहेंगे
सब लोग क्या कहेंगे
मत सोचिए संसार में,
सब लोग क्या कहेंगे ।
सत्कर्म करते रहिए,
सब कुछ न कुछ कहेंगे ।।
मन को सभी के कोई,
भाया कभी नही है ।
जयकार कुछ करेगे,
अपशब्द कुछ कहेंगे ।।
तन मन बचन से अपने,
दिल ना ही तुम दुखाना ।
चिंता न फिर किसी की,
कहना कहे जो कोई ।।
मन में कहीं कभी भी,
रज अहं की न आए ।
करिए सुधार अपना,
नहि लोग क्या कहेंगे ।।
दुष्कर्म से विरत हो,
हित ही सभी का करिए ।
उपकार कर न सोचो,
सब लोग क्या कहेंगे ।।
