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Goldi Mishra

Tragedy

3  

Goldi Mishra

Tragedy

सौदागर

सौदागर

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वो अपना पन वो रिश्ता सब बस एक धोका था,

अंधेरी रात और गहरा अंधेरा था,

पल में आग पल में बेहता दरिया था,

ये इश्क़ नहीं हवा का झोंका था,

फलसफा बस इतना था,

दिल का माही एक सौदागर था,।।

हथेली में टूटी हो चूड़ियां कुछ ऐसे ये रिश्ता टूटा था,

दिल की तड़प का शोर सारी फिज़ा में गूंजा था,

ना जाने किसने जुदाई वाला राग छेड़ा था,

उसके बिना मेरा शहर सूना था,

फलसफा बस इतना था,

दिल का माही एक सौदागर था,।।

हर बंधन भूल एक उससे नाता जोड़ा था,

कांच की राहों पर चलकर हमने इन ज़खमो को लिया था,

किसी बेगाने से लगा बैठे दिल ये उसी का अंजाम था,

हजारों आए ज़िन्दगी में पर इश्क़ दुबारा ना हुआ था,

फलसफा बस इतना था,

दिल का माही एक सौदागर था,।।

आंखो में उसकी बस फरेब दिखा था,

उस हरजाई से दिल लगा कर बस दिल दुखा ही था,

विरह राग सा वो था,

पहली प्रीत की धुन सा मेरा अक्स था,

फलसफा बस इतना था,

दिल का माही एक सौदागर था,।।

      



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