सौदा
सौदा
लाज़मी नहीं हर बात कही जाए
चुप रह कर इबादत करता हूँ
लब सिले हैं कैयदे रसूल से
शर्तें सौदे की पूरी करता हूँ।
सीमाएं कोई नहीं लांघता मैं
मर्यादा की हो या मुल्क की
उनको कफ़न नहीं उढ़ाता
शर्तें सौदे की पूरी करता हूँ।
सीखा है मैंने बस सच बोलना
उनके झूठ को सच बनाता हूँ
अहम् ज़ाहिर नहीं दिखाता
शर्तें सौदे की पूरी करता हूँ।
आँखों में आँसू दिखते नहीं
आवाज़ की लर्ज़िश छुपाता हूँ
गन गुनाता हूँ दर्द नहीं बताता
शर्ते सौदे की पूरी करता हूँ।
ये कश्तियाँ कागज़ की हैं
ख़्वाब जिन पर बह रहे
सफर पर अकेला जाता हूँ
शर्तें सौदे की पूरी करता हूँ।
