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संजय असवाल "नूतन"

Abstract Inspirational Others

4.5  

संजय असवाल "नूतन"

Abstract Inspirational Others

सैनिक होना आसान नहीं..!

सैनिक होना आसान नहीं..!

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नींद आंखों में छोड़नी होती है 

ख़्वाब अधूरे छोड़ने होते हैं,

मां के आंचल से दूर होकर

पिता का प्यार छोड़ना होता है।


रक्षा बंधन में रक्षा सूत्र 

बहन की विदाई छोड़नी होती है,

गांव की मिट्टी यारों का संग

परिवार का सुख छोड़ना होता है।


सर्द रातों में जगना होता है 

लौ सा सदा जलना होता है,

आंसुओं को आंखों में छिपाकर 

यहां पल पल मरना होता है।


सैनिक होना आसान नहीं 

चौकस सदा रहना होता है,

हर सांस में बसा कर देश प्रेम

लहू अपना देश को देना होता है।


तपना होता है बलिदान पथ पर 

मौत से सदा सामना होता है,

भारत माता की आन की खातिर

कफ़न सर पर बांधना होता है।


फर्ज निभाना होता है 

कर्ज मिट्टी का चुकाना होता है, 

तिरंगे में लिपटने की ख्वाहिश में

गोलियां सीने में खानी होती है।


सैनिक होना आसान नहीं

हर बंधन से मुक्त होना होता है,

मां-बाप, घर, परिवार यहां सभी को,

दिल में कहीं संजोकर रखना होता है।


हर सांस में बस एक सपना होता है 

परचम तिरंगे का लहराना होता है, 

सीने में अटल एक संकल्प लेकर

मां भारती का गौरव बढ़ाना होता है।


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