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Dr Priyank Prakhar

Romance

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Dr Priyank Prakhar

Romance

साथ चलेंगे हम

साथ चलेंगे हम

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कुछ वादे हैं, और खाई कसमें हैं,

आती याद साथ निभाने की नज्में हैं।

मंजिल दूर सही फैला हर तरफ अंधियारा है,

लरजते होठों को कांपती धड़कनों का सहारा है,

कि अब साथ चलेंगे हम।।


खामोश है जुबां,

निगाहें कर रही है धड़कनों को बयां।

नम हो रही है ज़मीं जज़्बातों की ओस से,

कह रहे हैं यहां उभरे कदमों के निशां,

कुछ दूर ही सही पर साथ चले हैं हम।।


बन करके अश्क बह गया,

पलकों तले आबाद था जो एक जहां।

कचोटता है किरकता हुआ,

फंसा टूटा सपना कोई अब इन आंखों के दरमियां, 

कहते हुए की अभी साथ चले थे हम।।


खड़ा हूं साहिल पर, 

डोलता है दिल, फिज़ा कर रही है ठंडी सरगोशियां।

कि आओगे तुम और कहोगे,

दूर नहीं, कुछ पास यही,

आज नहीं, अभी नहीं, पर यहीं कहीं,

कभी साथ चले थे हम।।


आज तुम पास नहीं दूर सही,

पर इस दिल में हो बस रही।

हर दूरी का मतलब फासले नहीं,

उठती लहरों का वादा है,

तुम नहीं तुम्हारी याद सही,

पर फिर भी साथ चलेंगे हम।

साथ चलेंगे हम।।



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