कई मुद्दो पर सब चुप्पी साध लेते है उन्ही मुद्दो पर सवाल यानि ये कविता। कई मुद्दो पर सब चुप्पी साध लेते है उन्ही मुद्दो पर सवाल यानि ये कविता।
खड़ा हूं साहिल पर, डोलता है दिल, फिज़ा कर रही है ठंडी सरगोशियां। खड़ा हूं साहिल पर, डोलता है दिल, फिज़ा कर रही है ठंडी सरगोशियां।