सांस और ननद-सास।
सांस और ननद-सास।
यारों मेरी पत्नी की एक सहेली,
शादी बनी जिसके लिए पहेली।
आई जब ना हमारे घर-परिवार,
लग रहीं कमज़ोर और बीमार।
पूछने पर कारण जो हमको बताएं,
काम करने पर ज़्यादा फूल सांस जाएं।
आराम करने और काम ना करने पर,
फूल जाती हैं सुसराल में ननद-सास।
इस मजबूरी को हर हाल में हल करना,
हम बोले ये तो घर-घर की कहानी बहना।