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सोनी गुप्ता

Abstract Fantasy Inspirational

4  

सोनी गुप्ता

Abstract Fantasy Inspirational

साल गुजर गया

साल गुजर गया

2 mins
315


कड़वी और मीठी यादों का वो सफर भी गुज़र गया 

लगा इतिहास के पन्नों पर जैसे कोई नाम लिख गया

अच्छा- बुरा जो भी हुआ लो ये साल भी गुजर गया, 


उस वक्त को थामना तो चाहा था हम सबने लेकिन, 

वक्त रेत की तरह हाथों से न जाने कब फिसल गया, 

अच्छा- बुरा जो भी हुआ लो ये साल भी गुजर गया, 


समय की कोमल शाखा पर निकल आए फूल कई

जैसे लगा कि उस साख से फिर एक फूल गिर गया, 

अच्छा- बुरा जो भी हुआ लो............................ 


कहीं कुछ अच्छा हुआ ,कहीं कुछ बुरा,जो भी हुआ, 

अच्छा- बुरा जो भी हुआ लो ये साल भी गुजर गया, 

अच्छा- बुरा जो भी हुआ लो............................ 


शुरुआत कहाँ से हुई और आज हम कहाँ आ पहुँचे, 

कोई सामने रहा और कोई नजरों से ओझल हो गया, 

अच्छा- बुरा जो भी हुआ लो............................ 


किसी ने सपने देखे और कोई सपनों तक लेकर गया

लेकिन इस बीच कोई हमें मशाल दिखाकर गुज़र गया, 

अच्छा- बुरा जो भी हुआ लो............................ 


जिंदगी में हर रोज एक नई कहानी बनी और बिगड़ी, 

इस नई दौड़ में आकर कोई अपना लक्ष्य भटक गया, 

अच्छा- बुरा जो भी हुआ लो............................ 


इस वक्त में अनुभवों से बहुत कुछ सिखा दिया है हमें, 

हम बदले,तुम बदले लो अब तो ये साल भी बदल गया, 

अच्छा- बुरा जो भी हुआ लो............................ 


किसी के कोरे पन्ने से शुरुआत करके किताब छप गई, 

किसी की रात खो गई ,कोई रात बिता कर गुजर गया

अच्छा- बुरा जो भी हुआ लो............................ 


किसी ने गीत लिखा तो किसी ने कोई गीत गुनगुनाया 

कोई किस्सा लिखता रहा तो कोई सुना कर चला गया

अच्छा- बुरा जो भी हुआ लो............................ 



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