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सोनी गुप्ता

Abstract

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सोनी गुप्ता

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साहित्य से समाज तक

साहित्य से समाज तक

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 साहित्य समाज का दर्पण है, 

 इतिहास अतीत का उसमें अर्पण हैI


समाज का प्रतिबिंब बन,

साहित्य ने नित कदम अपना बढ़ाया है I


महाकाव्य की रचना से साहित्य की,

अनमोल धरोहर को पाया है 


आश्रित है दोनों एक दूसरे के,

माने जाते पूरक हैंI


जिसमें सब का समर्पण है, 

 इतिहास अतीत का उसमें अर्पण है I


सभी लेखक कवियों ने इस को जाना है,

अपना राष्ट्र और समाज साहित्य समृद्ध हो ,

यह हमने ठाना  है I



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