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Ramashankar Yadav

Romance

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Ramashankar Yadav

Romance

साहिल पे वो बैठे हुए

साहिल पे वो बैठे हुए

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साहिल पे वो बैठे हुए,करते रहे नजारा

कश्ती भले ही डूबी, मौसम लगा था प्यारा

साहिल पे वो बैठे हुए, करते रहे नजारा।


उस आखिरी घड़ी में, क्या था मेरा नसीबा

मेरी सांस जा रही थी, था सामने हबीबा

ऐ खुदा तू ला दे, वो वक्त फिर दुबारा

मेरी मौत आए फिर से, दिलबर करे नजारा

साहिल पे वो बैठे हुए, करते रहे नजारा।


गर सामने सनम हो, मरने में भी मजा है

बिन सनम के यारा, ये जिंदगी सजा है

इश्क है वो एक दरिया, जिसमें नही किनारा

आशिक ही डूबते हैं, चमके इश्क का सितारा

साहिल पे वो बैठे हुए, करते रहे नजारा।


सजदा मेरा है उसको, जिसने भी की मुहब्बत

काँटो में भी हँसेगा, गर हो इश्क ही ईबादत

महबूब के लिए तो, दिलबर खुदा से प्यारा

साहिल पे वो बैठे हुए करते रहे नजारा।



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