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Prerana Pari

Tragedy Others

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Prerana Pari

Tragedy Others

सादगी

सादगी

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रंगों से बड़ा लगाव था हमारा

रंग हमें बहुत पसंद थे

पर जैसे रंगों ने हमसे मुंह फेर लिया

हमें ठुकरा दिया हो


आज जिन्दगी में सफेद रंग के अलावा

कुछ नहीं बचा, जैसे वही हमारे हमसफ़र

बन गये हो


हमारी हंसी जैसे थमती ही नहीं थी, 

कभी, पर आज जैसे आंखों से आंसू

रुकते ही नहीं है


आखिर क्यों नहीं छोड़ देते हमारा साथ

जैसे  बाकीयों ने छोड़ा था, 

यह सवाल हमने अपनी सफेद और बेरंग सी

जिंदगी से पुछा था


जवाब में बस इतना मिला, " यह साथ अब

मरते दम तक नहीं छूटेगा "


पता नहीं यह कैसी रीत है समाज की, 

रंगों से भरी जिंदगी पल भर में बेरंग बन गई



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