माँ ने कभी ना बताया था
माँ ने कभी ना बताया था
माँ ने सिखाया था
सबका आदर सम्मान करना
सबको प्यार देना सबका
मान रखना
एक दिन उन्हें छोड़कर
जाना होगा यह कभी ना बताया था
घड़ी बीती, वह पल
भी आया जब मााँ
को छोड़ कर जाना था
जेसे रेत हाथों से फिसलती
है, माँ का आंचल भी धीरे - धीरे
फिसल रहा था,
कैसे नये परिवेश में खुद को
ढालना है, माँ ने यह सिखाया था,
पर अपने भी पराये होंगे कभी,
यह कभी ना बताया था
जिन लोगों से लगता था डर,
आज वह अपने बन गये हैं
जिन्हें कभी ना सोचा,
यूं छोड़ कर जाना होगा
वह आज पराये बन चुके हैं
ऐसा भी दिन आएगा माँ
ने कभी ना बताया था।
