STORYMIRROR

Prerana Pari

Tragedy

4  

Prerana Pari

Tragedy

माँ ने कभी ना बताया था

माँ ने कभी ना बताया था

1 min
286

माँ ने सिखाया था

सबका आदर सम्मान करना

सबको प्यार देना सबका 

मान रखना


एक दिन उन्हें छोड़कर 

जाना होगा यह कभी ना बताया था


घड़ी बीती, वह पल 

भी आया जब मााँ

को छोड़ कर जाना था


जेसे रेत हाथों से फिसलती

है, माँ का आंचल भी धीरे - धीरे 

फिसल रहा था, 


कैसे नये परिवेश में खुद को

ढालना है, माँ ने यह सिखाया था, 


पर अपने भी पराये होंगे कभी, 

यह कभी ना बताया था


जिन लोगों से लगता था डर, 

आज वह अपने बन गये हैं

जिन्हें कभी ना सोचा, 

यूं छोड़ कर जाना होगा

वह आज पराये बन चुके हैं


ऐसा भी दिन आएगा माँ

ने कभी ना बताया था।



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Tragedy