STORYMIRROR

Vimla Jain

Romance Action Classics

4  

Vimla Jain

Romance Action Classics

सादगी श्रंगार और सुंदर बिंदी

सादगी श्रंगार और सुंदर बिंदी

1 min
265

तेरे माथे की सुंदर सी बिंदिया।

तुझे बहुत गौरवशाली बना देतीहै।

साथ में मेरा दिल भी धड़का देती है।

इस बिंदिया में तू इतनी सुंदर लगती है।


सादगी भरा तेरा श्रंगार मुझे बहुत लुभाता है।

इसे देख मेरा हिम्मत हौसला और बढ़ जाता है।

तेरा सुंदर चेहरा इस बिंदिया से और चमक जाता है।


एक समय था जब तू सूखे सिंदूर की चटक लाल बिंदिया लगाती थी।

समय बदला सिंदूर की जगह स्टिकर वाली बिंदी ने ले ली 

मगर 24 घंटे लगाने का समय नहीं बदला वैसे ही 24 घंटे चमकती रही।

माथे पर चमकती बिंदिया तो वही है।

जगह भी वही है।

रूप भी वही है।

महत्व भी वही है।

मन कहता है ईश्वर से करता है यह प्रार्थना

यह हर रूप में इसी तरह दमकती रहे।

यह बिंदी हमेशा चमकती रहे।

तेरे सादगी भरे सिंगार में तेरा यूं ही टपकता रहे।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Romance