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Er. Pashupati Nath Prasad

Romance

3  

Er. Pashupati Nath Prasad

Romance

रूठी प्रेमिका से मनुहार

रूठी प्रेमिका से मनुहार

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क्यों चिड़ी चिड़ी,

तू दूर है खड़ी,

ये छप्पन छुरी,

ये हुस्न की परी।


ये नखरा तेरा,

मुझे लगता बुरा,

मिटा दो दूरी,

ये छप्पन छुरी।


हँस के एक बार,

ला दो मन में बहार,

हे ! स्वर्ग की परी,

ये छप्पन छुरी।


तोड़ो हठ की दीवार,

आओ करें हम प्यार,

दे दो झंडी हरी,

ये छप्पन छुरी।


दिल है बेकरार,

मैं मान गया हार,

मत करो देरी,

ये छप्पन छुरी।


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