रथोत्सव
रथोत्सव
आ रहा है बच्चों का रथ
आ रहा है छोटा सा रथोत्सव
सुबह-सुबह बच्चे इकट्ठे हुए
उत्साह से रस्सी को हाथों में लिए
"जय गणपति", "जय गणपति",नारे लगाते
आगे रस्सी खींचते खींचते
दौड़ते दौड़ते बच्चे जाते
डोलता रहता आ रहा है गांव का रथ
धीरे-धीरे आ रहा है बच्चों का रथ
पूरब गली में आ रहा है रथ
मुड़कर दक्षिण गली में आ रहा है रथ
दोपहर पश्चिम गली में आ रहा है रथ
शाम को उत्तर गली में प्रवेश किया है रथ
थोड़ा समय रुकने पर
सभी स्त्रियां पोंगल पकाकर गणपति पूजा करती हैं
भोग चढाती हैं और सबको पोंगल प्रसाद बांटती हैं
रात होने पहले मंजिल पहुंचाते हैं रथ
जोर मचाते घर वापस लौटते हैं सब
आ गया है बच्चों का रथ
आ गया है छोटा सा रथ
अगले साल फिर से आओ
आनंद से रथोत्सव मनाओ !
