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Dr.Padmini Kumar

Classics

4  

Dr.Padmini Kumar

Classics

धूल

धूल

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आकाश में अंतरिक्ष 

अंतरिक्ष में अनगिनत तारे 

अनगिनत तारों में एक है सूरज

 सूरज के मंडल में घूमते रहे ग्रह

 घूमते रहे ग्रहों में एक है भूमि 

भूमि में  अरब करोड़ों  हैं जीव

अरब करोड़ों जीव में सात सौ करोड़ हैं मानव

 सात सौ करोड़ मानव में एक हूँ मैं

आकार पाँच फुट औरत होने पर भी 

अंडसरासर में एक धूल हूं मैं 

इधर-उधर उड़ती गिरती एक धूल हूं मैं।


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