"रफ्तार"
"रफ्तार"
सबके जीवन की रफ्तार
बहुत भिन्न-भिन्न है, यार
उनकी होती है, तेज धार
जो कर्म करते है, लगातार
जिनके आलसी है, विचार
कभी न बनते है, गुलजार
जो श्रम के होते, पारावार
वो दरिया को करते, पार
जो खुद का ढोते है, भार
धरती का बढ़ाते है, भार
उनकी जिंदगी है, बेकार
रोते बात-बात पर बार बार
जिनके विचार है, तलवार
वो ही करते है, चमत्कार
जो साहसी है, करतार
वो झुकाते है, आसमान
जिनकी है, तेज रफ्तार
लक्ष्य तक जल्द जाते, यार
जो तेज रफ्तार के साथ
व्यक्ति है, बड़े समझदार
वीराने में लाते है, बहार
जिनकी तेज है, रफ्तार
विचार है, साखी, दागदार
न करते है, सत्य स्वीकार
वो भले बना ले दौलत,
डूब जाते है, वो जहाज
जहां पर मूर्ख नाविक,
संभालता है, पतवार
दिल में नहीं बसते है
कभी भी वो कलाकार
जिनके दिल में भरा है
घना, कृष्ण अंधकार
जिनकी वक्त के साथ
होती है, नित मुलाकात
वही बनाते है, इतिहास
जिसकी सही है, रफ्तार
जो तेज रफ्तार के साथ
खुद के प्रति होते, वफादार
उन्हें मिलती मंजिल खास
जिनके इरादे है, ईमानदार।