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Neeraj pal

Inspirational

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Neeraj pal

Inspirational

ऋणी।

ऋणी।

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कैसे प्रभु जी लूँ नाम तुम्हारा ?

श्रद्धा विश्वास की कमी है मुझमें,

नख-शिख पाप भरे हैं मुझमें,

जीवन काटा स्वार्थ वश पूरा,

सूझे न मुझको कोई किनारा।।

 कैसे प्रभु जी..............


देख दुनिया के अद्भुत नजारे,

स्वार्थ हीन बन लगते सारे ,

अवसाद ग्रसित अब मन है मेरा,

कर न सकूँ अब भजन तुम्हारा।।

 कैसे प्रभु जी..............


जर्जर होती जाती ये काया,

तुमने कैसी रची यह अद्भुत माया,

जीवन सफल अब कर दो मेरा,

"नीरज" रहेगा सदा "ऋणी" तुम्हारा।।

कैसे प्रभु जी...........


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