रंगों की बहार
रंगों की बहार
उड़े गुलाल आकाश में जब,
पंछी सौर मचाए।
सबके गाल रंग- बिरंगे देखे जब,
भाभी संग देवर धूम मचाए।
कहीं गुझिया खाएं बच्चे,
कहीं पिचकारी चलाए।
होली की त्यौहार है आई,
सबको मस्ती में लाए।
सुन लो भइया , सुन लो भाभी।
बुरा न मानो है होली का त्यौहार।
आया रंगों का बहार।
होली आई फाल्गुन में जब,
फसल सुनहरे रंग लिए।
मस्ती में झूमे है सब ही जन,
भर- भर गिलास भांग पीए।
रंग- बिरंगी धरती हुई,
सब मिलकर त्यौहार मनाए।
ढोलक मंजीरा साथ में लेकर,
घर घर धूम मचाए।
सुन लो चाचा, सुन लो चाची।
बुरा न मानो है होली का त्यौहार।
आया रंगों का बहार।।

