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Manoj Kumar

Romance Others Children

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Manoj Kumar

Romance Others Children

रंगों की बहार

रंगों की बहार

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उड़े गुलाल आकाश में जब,

पंछी सौर मचाए।

सबके गाल रंग- बिरंगे देखे जब,

भाभी संग देवर धूम मचाए।


कहीं गुझिया खाएं बच्चे,

कहीं पिचकारी चलाए।

होली की त्यौहार है आई,

सबको मस्ती में लाए।


सुन लो भइया , सुन लो भाभी।

बुरा न मानो है होली का त्यौहार।

आया रंगों का बहार।


होली आई फाल्गुन में जब,

फसल सुनहरे रंग लिए।

मस्ती में झूमे है सब ही जन,

भर- भर गिलास भांग पीए।


रंग- बिरंगी धरती हुई,

सब मिलकर त्यौहार मनाए।

ढोलक मंजीरा साथ में लेकर,

घर घर धूम मचाए।


सुन लो चाचा, सुन लो चाची।

बुरा न मानो है होली का त्यौहार।

आया रंगों का बहार।।


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