STORYMIRROR

Anil Jaswal

Abstract

3  

Anil Jaswal

Abstract

रंग उसकी चोली, बनाले हमजोली।

रंग उसकी चोली, बनाले हमजोली।

1 min
198

आज है होली,

मिलेंगे तुझसे हमजोली,

निकालेंगे बरसों का गुबार,

भीग देंगें तेरा तन और चोली।


गाल हो जाएंगे सतरंगी,

चाल हो जाएगी बहकी,

जुल्फें हो जाएंगी महकी,

जब साजन से खेलोगी होली।


ऐसा रंग लगाएंगे,

भीतर तक असर करेगा,

कभी नहीं उतरेगा,

महोब्बत में जकड़ लेगा,


चाहे जितना भी छटपटाओ,

हमेशा याद रहेगा,

जिंदगी भर दिखेगा।

इस बार की होली,


दो दिलों को पास लाएगी,

दोनों रंगीन हो जाएंगे,

कोई फर्क नहीं कर पाएगा,

अंदर बाहर सब रंगों रंग हो जाएगा।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Abstract