Arunima Bahadur

Inspirational

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Arunima Bahadur

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रंग दे बसंती

रंग दे बसंती

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रंग दे बसंती आज रंग दे बसंती,

तन मन फिर रंग दे बसंती।

वक्त की पुकार ये,

धरित्री की चाह ये

बने फिर सब बसंती,

मन से हो जाये बसंती।


धारा की पुकार हैं,

सपूत आज फिर बनो,

रचो नाव इतिहास आज,

नव समाज आज गढो।


राग हो न द्वेष हो,

बस समता का ही गीत हो

आज धरा पुकारती,

गीत नया फिर रचो।


नारी का सम्मान हो,

तो संस्कृति का उत्थान हो।

नारी नव युग रचोसाज बन तुम सजो

तुम बदल सकती इस वेग को,

भेद सकती हर लक्ष्य को।


रुकना नही तुम थकना नहीं

रचना नव इतिहास है

गढ़ना तुम्हे ही साज है

तो आओ चले हम साथ आज,

मानवता की आस आज,


बहुत सही अब तक पीड़ा

अब उठाना हैं नया बीड़ा

बदलेंगे हम इस युग को,

पाएंगे हर लक्ष्य को।


गुणों से आज सजाना है

गीत नया ये गाना हैं।

हम बदले तो जग बदले,

गीत नया कुछ यूं गाना है।


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