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Juhi Grover

Inspirational Others

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Juhi Grover

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रंग बिरंगी कविताएँ

रंग बिरंगी कविताएँ

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रंग बिरंगे हमारे सपनों जैसी रंग बिरंगी कविताएँ,

सपनों के पूरा न होने पर भी मार्ग नया दिखाएँ।


कभी प्रात: रवि सी तेजस्वी बन प्रज्वलित कराएँ,

कभी निशा की कालिमा खून के आँसू रुला जाएँ,

कभी जीवन के उलझे बिखरे एहसास लिख जाएँ,

कभी मृत्यु बन कर के यादों की रंगत बिखेर जाएँ।


कभी मिलन की चाहत का रंग बन के मुस्का जाएँ,

कभी 'शिव कुमार बटालवी' के दर्द सी चुभ जाएँ,

कभी 'पाश' की कविता बन क्रांतिकारी बना जाएँ,

कभी 'सुभद्रा कुमारी' जैसी निडर साहसी बन जाएँ।


कभी वन्दे मातरम् बन कर स्वतन्त्र भाव जगा जाएँ,

कभी जन गण मन बन के तिरंगा झंडा लहरा जाएँ, 

कभी ज़िन्दादिल शहादत बन गौरवान्वित कराएँ,

कभी जीते जी अनोखा अद्भुत इतिहास रच जाएँ।


सुकून, बेचैनी, भय, खुशी, गम को अल्फाज़ बनाएँ,

भाव निर्मित अल्फाज़ यहीं कविता बन कर इतराएँ,

सपने बेचती हैं ये रंग बिरंगे एहसासों की कविताएँ,

साहित्य सृजन का रूप मान पढ़ी जाती हैं कविताएँ।


रंग बिरंगे हमारे सपनों जैसी रंग बिरंगी कविताएँ,

सपनों के पूरा न होने पर भी मार्ग नया दिखाएँ।


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