Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!
Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!

Disha Mishra

Inspirational

4  

Disha Mishra

Inspirational

काश़

काश़

2 mins
406



कर्म न जाने ,धर्म न जाने फिर सोचे यही बात

काश !ये करता ,काश! वो करता

काश ! ये होता ,काश !वो होता 

 काश -काश के कशमकश में उलझा है इंसान ,

माया के इस चक्रव्यूह में फंसा हुआ है नादान।


सत्य ना बोले ,नित्य ना होवे,

फिर सोचे यही बात 

काश ये सुनता ,काश वो सुनता

 काश ये होता, काश वो होता काश- काश के कश्मकश में उलझा है इंसान

माया के इस चक्रव्यूह में फंसा हुआ है नादान ।


दान न जाने ,पुण्य न जाने ,

फिर सोचे यही बात 

काश ये मिलता, काश वो मिलता 

काश ये होता, काश वो होता

काश -काश के कशशमकश में उलझा है इंसान 

माया के इस चक्रव्यूह में फंसा हुआ है नादान।


सत्कर्म अपना लो ,

 सत्धर्म बना लो 

नित्य तुम हो लो

कृत्य तुम कर लो 

करो दान बिन अभिमान के

 ना उलझो इस 'काश' पे 

बनो खुद के भाग्य विधाता

 तभी उडो़गे आकाश पे।

         

        


Rate this content
Log in

More hindi poem from Disha Mishra