रक्षाबंधन
रक्षाबंधन
भाई-बहन के निश्छल प्रेम का देता है संदेश यह मनभावन,
कच्चे धागों से बंधा पक्के रिश्तों का त्यौहार है यह रक्षाबंधन।
थाल सजा है सुंदर राखी अक्षत दीपक रोली और कुमकुम से,
मीठा होगा आज मुंह भाई का लड्डू, पेड़े और मावे की बर्फी से।
तिलक लगाकर आरती कर भाई की कलाई पर बांधी है सुंदर राखी बहना ने,
आशीर्वाद देकर भाई को की है उसकी उन्नति की कामना भी बहना ने।
रक्षा सूत्र का प्रतीक है राखी बनी है रेशम की डोर और रंग-बिरंगे कच्चे धागों की,
कहानियां है राखी के पीछे सच्चे प्यार और कुछ अनकहे रक्षा के वचनों की।
कृष्ण - द्रौपदी, बलि और लक्ष्मी जैसे उदाहरणों से शास्त्र हमारे हैं भरे पडे,
रक्षा के वचनों को निभाने समय आने पर ईश्वर भी है दौड़ पड़े।
राखी के बंधने पर उपहार देना तो है बस एक रीत, किंतु महत्व है तो केवल शुद्ध प्रेम का,
सही अर्थों में रक्षाबंधन तो बंधन है भाई-बहन के अटूट स्नेह का।