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Arti Shrivastava

Tragedy

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Arti Shrivastava

Tragedy

रिश्ते

रिश्ते

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जिसके दम पर दम भरते थे हम ,

कितना खोखला था रिश्ता ,

ये समझ गए हम।

प्यार तो बस मतलबी था ,

जिसे पाकर गुनहगार है हम।।

जब कभी तन्हाई में बैठेंगे ,

तो सोचेंगे कि बदनसीब है हम।

ज़िंदगी से अब कुछ शिकवा ना करें ,

बस ये दुआ करेंगे हम।।


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