रिश्ते
रिश्ते
जिसके दम पर दम भरते थे हम ,
कितना खोखला था रिश्ता ,
ये समझ गए हम।
प्यार तो बस मतलबी था ,
जिसे पाकर गुनहगार है हम।।
जब कभी तन्हाई में बैठेंगे ,
तो सोचेंगे कि बदनसीब है हम।
ज़िंदगी से अब कुछ शिकवा ना करें ,
बस ये दुआ करेंगे हम।।
