STORYMIRROR

Arti Shrivastava

Others

2  

Arti Shrivastava

Others

रिश्ते

रिश्ते

1 min
14

जिसके दम पर, दम भरते थे हम,

कितना खोखला था रिश्ता, ये समझ गए हम,

प्यार तो बस मतलबी था,

जिसे पाकर गुनाहगार हैं हम।।

जब कभी तन्हाई में बैठेंगे,

तो सोचेंगे कि बदनसीब हैं हम।

 जिंदगी से अब कुछ शिकवा ना करें,

बस यह दुआ करेंगे हम।।


Rate this content
Log in