साथी
साथी
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चले थे, हम साथ साथ
अब राहें बदल गई,
पकड़े थे हाथों में हाथ,
अब निगाहें बदल गई ।
वो जज़्बात, वो नज़र
ना जाने कहां गए,
अब ना तो वो, वो हैं और ना हम, हम हैं
क्योंकि अब हमारी ज़िंदगी बदल गई ।।
