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Arti Shrivastava

Tragedy

4  

Arti Shrivastava

Tragedy

बेटियां

बेटियां

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घर में जन्म जब लेती हैं, बेटियां,

तो बोझ क्योंं कहलाती हैं, बेटियां,


बेटों को देखकर,

चेहरे खिल जाते हैं, जिनके,

उनके चेहरे पर क्यों,

बोझ का भार दिखलाती हैं बेटियां।


बेटों को गोद में बिठाते हैं,पर,

नज़र में भी क्यों नहीं समाती हैं, बेटियां,


कहते हैं सभी कि घर तो बेटी से होता है,-2

पर फिर भी क्यों, पराई कहलाती हैं बेटियां।


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